
व्यक्ति के अच्छे कर्म व अच्छे विचार ही उसे समाज में विशेष स्थान दिलाते हैं. आपके व्यवहार मे यदि मधुरता है बोली मे मिठास है तो आप हर दिल में अपनी खास पहचान बना लेते है. मधुर व्यवहार ही प्रेम रुपी ताले की चाबी है. समाज मे सम्मान व आदर पाने के लिए आपको अपने व्यवहार मे सौम्यता, शिष्टाचार,सम्मान- भाव, शालीनता व मुस्कान जैसी बाते शामिल करना चाहिए. मीठी बोली से नफरत व तिरस्कार के काँटे भी प्रेम व आत्मियता के फूलों मे बदल जाते है. सही संयम,समझ व संतुलन अपनाकर आप अपना व्यवहार मधुर बना सकते है.
बंदूक की गोली की तरह मुँह से निकले शब्द भी कभी वापिस नही आते. अतः हमेशा सोच समझ कर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर आदर मे झुकाने पर ही स्वयं को आदर मिलता है. अतः आदर को अपने व्यवहार मे शामिल करे. अच्छा व्यवहार व मीठी बोली व्यक्ति को आभावान बनाती है.समाज मे अच्छी छबि बनाने के लिये व्यवहार मे मधुरता जरूरी हैं. साथ ही इसमें खुशियों की बहार भी छिपी होती है.
हमेशा सकारात्मक सोच रखना चाहिए इससे व्यवहार मे बदलाव आता हैं. बदले की भावना ईर्ष्या,द्वेष से खुद को दूर रखना चाहिए. किसी दूसरे से यदि आप मधुरता की उम्मीद रखते है तो बदले मे आपको भी उसके साथ मधुरता से पेश आना चाहिए. अच्छे संस्कार ही अच्छा इंसान बनाते है अतः बच्चो को भी बचपन से ही अच्छे व्यवहार की सीख देनी चाहिए. व्यवहार में मिठास लाकर आप वो खुशियाँ पायेंगे जो धन दौलत से नहीं मिलती.
इतिहास गवाह है जब भी बोली का दुरुपयोग किया गया है तब हमें महाभारत जैसे युद्ध का सामना करना पड़ा है राम जी को वनवास भी मंथरा की कटु वाणी से कैकई के मन में ईर्ष्या भर देने से मिला. अतः हमेशा मीठे बोल बोलिए.
मधुर व्यवहार के लिये कुछ खर्च नहीं करना पड़ता है जबकि नफरत और बुरा व्यवहार आपको नष्ट कर देता है.
प्रेषक
मोनिका
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