
अनेक प्रश्न ऐसे है जो कभी दोहराए नही जाते
बहुत उत्तर भी ऐसे हैं जो कभी बतलाए नही जाते
इसी कारण अभावो का सदा स्वागत किया मैंने
कि घर आए मेहमान कभी लौटाए नही जाते
हुआ क्या आँख से आँसू अगर बाहर नही निकले
बहुत से गीत भी ऐसे है जो कभी गाए नही जाते
बनाना चाहती हूँ स्वर्ग तक सोपान सपनों का
मगर चादर से ज्यादा पाँव फैलाए नही जाते
प्रेषक
मोनिका दुबे (भट्ट)
1 टिप्पणी:
आप बहुत सुंदर लिखती हैं. भाव मन से उपजे मगर ये खूबसूरत बिम्ब सिर्फ आपके खजाने में ही हैं
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